मेरा राशन मेरा हक की टैगलाइन के साथ हो रहा सार्वजनिक वितरण प्रणाली में फर्जीवाड़ा

पंखाजूर। राशन, मेरा हक’ की टैग लाइन के साथ खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग सार्वजनिक वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाने के लाख दावे करता है, लेकिन राशन दुकान संचालक और समिति की मिलीभगत से खाद्य सुरक्षा सूची में हुआ फर्जीवाड़ा इन दावों की पोल खोल रहा है।
मृत्यु के बाद भी कई महीन य सालों से राशन वितरण किया जा रहा हैं मग़र यह वितरण सिर्फ कागजों में किया जा रहा हैं मृत्य व्यक्ति के नाम से आये हुए चावल नामक चना गुड़ मिट्टीतेल संचालक द्वारा बाहर बाजारों में अधिक मूल्य पर बेचा जा रहा हैं जबकि परिवार के लोगो को इसकी जानकारी नही है।
पखांजुर क्षेत्र के श्यामनगर ग्राम पंचायत में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमे मृतकों के नाम भी खाद्य सुरक्षा सूची में जुड़े हुए हैं और राशन भी आवंटित होकर वितरित किया जा रहा हैं लेकिन डीलर द्वारा प्रति माह इनके नाम से राशन सामग्री का वितरण ना करते हुए उसे बाजारों में बेचा जा रहा है।
हैरानी की बात तो यह है कि जिन लोगों के नाम से राशन सामग्री का उठाव हो रहा है, उनके परियाजनो को इस बात की भनक तक नहीं है। वहीं इसका लाभ समिति अध्यक्ष और संचालक मिलकर उठा रहा है। बता दें कि श्यामनगर राशन दुकान से हर माह मृतक व्यक्ति के नाम से राशन का एंट्री हो रही है नेशन अपडेट की टीम ने जब इस मामले में पड़ताल किया तो देखा कि अनिमा सखारी पति स्व संतोष का मृत्यु 29/4/2021, लक्ष्मीरानी पति स्व हरेन 01/05/2021, इलावती बिस्वास पति स्व सचिन 31/10/2020 हो गया है। जिसके बाद से राशन दुकान संचालक द्वारा परिवार वालों को राशन देना बंद कर दिया गया।
जबकि अक्टूबर माह का बितरण लिस्ट को देखा जाए तो जितना राशन शासन द्वारा भेजा गया है। सारे राशन माह में वितरण हो गया है। जब इस बारे में स्व अनिमा सखारी के बेटे संजीत सखारी से बातचीत किया गया तो उनका कहना है कि माँ के मृत्यु के बाद से अब तक राशन नही मिला है। राशन नही मिलने से परेशानी हो रहा है। कई बार राशनकार्ड को बदलने की बात किया गया लेकिन अभी तक राशनकार्ड नही बदला है।
शैलेन्द्र ध्रुव - खाद्य अधिकारी
वही जब इस मामले में हमने खाद्य अधिकारी से बात की तो उन्होंने कहा कि आपके द्वारा हमें इस बात की जानकारी मिली है। और इस पर जल्द से जल्द जांच कर कार्यवाई की जावेगी।